भारत के इस डॉक्टर की दिल खोलकर तारीफ क्यों कर रहा चीन? जान लीजिए इसकी वजह

Dr.Himmatrao Bawaskar: करीब 40 साल पहले महाराष्ट्र के एक डॉक्टर ने बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के दम पर घातक लाल बिच्छू के डंक के इलाज के लिए एक एल्गोरिथ्म तैयार किया था. इसके बाद जमकर उनकी तारीफ हुई थी और बिच्छू के जहर के खिलाफ उनके काम के लिए साल

4 1 10
Read Time5 Minute, 17 Second

Dr.Himmatrao Bawaskar: करीब 40 साल पहले महाराष्ट्र के एक डॉक्टर ने बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के दम पर घातक लाल बिच्छू के डंक के इलाज के लिए एक एल्गोरिथ्म तैयार किया था. इसके बाद जमकर उनकी तारीफ हुई थी और बिच्छू के जहर के खिलाफ उनके काम के लिए साल 2022 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. लेकिन, उनकी तारीफों की सिलसिला अभी थमा नहीं है और अब चीनी शोधकर्ताओं ने उनकी प्रशंसा की है. उस डॉक्टर का नाम हिम्मतराव बावस्कर है, जो 74 साल के हैं और मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के महाड में रहते हैं.

बिच्छु के डंक से 40 प्रतिशत की हो जाती थी मौत

गुइझोउ विश्वविद्यालय के ग्रीन पेस्टिसाइड की राष्ट्रीय प्रमुख प्रयोगशाला के चीनी शोधकर्ताओं ने पाया कि 1970 के दशक में बिच्छू के काटने से 40% से अधिक मौतें होती थीं. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के महाड और उसके आस-पास के इलाके दुनिया के सबसे जहरीले लाल बिच्छुओं (मेसोबुथस टैमुलस) का घर हैं. उन्होंने लिखा कि अगर 1980 के दशक में किसी गांव में किसी व्यक्ति को यह बिच्छू काट लेता था तो वह रात भर भी जीवित नहीं रह पाता था. बता दें कि 70-80 के दशक में महाड इलाके में बिच्छू के डंक से होने वाली मौतें बेहद आम बात थीं. डॉक्टर हिम्मतराव बावस्कर की प्रशंसा को एक पत्र के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका शीर्षक 'भारत में बिच्छू के डंक से होने वाली मृत्यु दर को 1 प्रतिशत तक करना' है.

लैंसेट के लेख में कहा गया है,'भारत के गांवों में रहने वाले ज्यादातर लोगों के पास जहरीले बिच्छू के डंक का कोई इलाज नहीं था और वे बिना उचित उपचार के ही मर जाते थे. कोई उचित दवा उपलब्ध नहीं थी और डॉक्टरों का ज्ञान भी बिच्छू के डंक के पीड़ितों का इलाज करने के लिए अपर्याप्त था. इस नियम को गांव में जन्मे डॉ. हिम्मतराव बावस्कर नामक चिकित्सक ने तोड़ा.' इसमें कहा गया है कि डॉ. बावस्कर ने न केवल बिच्छू के डंक के जहर के लिए एक उपचार का आविष्कार किया, बल्कि डॉक्टरों को इसके बारे में शिक्षित करने के लिए ग्रामीण भारत में यात्रा भी की. उनके उपचार के तरीकों ने 1970 के दशक में मृत्यु दर को 40% से घटाकर 2014 में 1% कर दिया.

चीन से तारीफ मिलने पर क्या बोले डॉक्टर हिम्मतराव

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी शोधकर्ताओं से तारीफ मिलने के बाद डॉक्ट हिम्मतराव बावस्कर ने कहा,'मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरे बिच्छू शोध को चीन के वैज्ञानिकों ने मान्यता दी है. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.'

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Hathras News Live Updates: सीएम योगी पहुंच रहे हाथरस, अस्‍पताल में घायलों से करेंगे मुलाकात

Hathras Satsang Accident Live:उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई। भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में कई महिलाए

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now